उत्तर-पूर्वी दिल्ली के जाफराबाद से शुरू हुई हिंसा ने पूरी दिल्ली को झकझोर कर रख दिया है। हिंसा के 5 दिन बाद भी लोग इससे उबर नहीं पा रहे हैं। बवाल पर काबू पाने के बाद शांति मार्च निकाला गया। वहीं, रविवार रात फैली अफवाह ने फिर से समाज में खौफ का माहौल खड़ा कर दिया है।इस हिंसा में अब तक 41 लोगों की मौत हो चुकी है। 254 लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई। 903 लोगों को गिरफ्तार किया गया या हिरासत में लिया गया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने के लिए 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। कई सोशल मीडिया और वेब लिंक को सस्पेंड कर दिया गया है। उत्तर-पूर्वी इलाके में तीन दिनों तक जारी हिंसा के बाद अब ज्यादातर इलाकों में शांति कायम हो गई है। इसके बाद जाफराबाद इलाके में हिंदू-मुस्लिम एकता पैदल मार्च निकाला गया, जिसमें सैकड़ों की संख्या में हिंदू-मुस्लिम मौजूद रहे। यह मार्च जाफराबाद मदरसे से लेकर मौजपुर तक निकाला गया और लोगों को शांति का संदेश दिया।उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगे के बाद सामाजिक कार्यों से जुड़े लोग भी शांति की प्रयास में जुटे हैं। जाफराबाद इलाके में स्थानीय लोगों ने एकता पैदल मार्च निकालकर अमन और शांति का पैगाम दिया। इस मार्च में सैकड़ों की संख्या में हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया।लोगों का कहना है, उत्तर पूर्वी जिले में जो हिंसा हुई इसमें दोनों ही समुदाय और देश का नुकसान हुआ। पिछले 70 सालों में दिल्ली ने खासतौर से जमुनापार में इस तरह का दृश्य नहीं देखा था, मगर जिस प्रकार से भड़काऊ भाषण से हिंसा भड़काने की साजिश है और हिंदू-मुसलमान को बांटने के प्रयास इस समय हुए यह ना तो जमुनापार के लिए और ना ही देश के लिए मुनासिब है। लोगों ने कहा कि आज हम उन आग लगाने वालों, हिंसा फैलाने वालों और देश को तोड़ने वालों को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए जमा हुए हैं और हमें उम्मीद है हमारे शांति मार्च को देखकर देश के 135 करोड़ समझदार लोग किसी भी प्रकार की कोई गलती नहीं करेंगे। चंद जाहिल लोगों ने जिस प्रकार से जमुनापार दिल्ली में आग लगाई है, इसे हम सबको मिलकर बुझाना है और देश को यह बताना है कि दंगे से किसी का कुछ फायदा नहीं होगा। हम गांधी के देश वाले हैं, हम गांधी के शांति संदेश के साथ आगे बढ़ेंगे।" alt="" aria-hidden="true" />
जाफराबाद में निकाला गया हिंदू-मुस्लिम एकता मार्च